निराशा

निराशा

जीवन में निराशा से बड़ा ,
कोई श्राप नहीं है।

Swami Vivekanand

सफलता

सफलता

पवित्रता ,विवेक और स्वयं का अध्ययन ,
यह तीन गुण है जिससे व्यक्ति को,
सफलता मिलती है लेकिन ,
इन सभी से ऊपर है प्रेम।

Swami Vivekanand

जिंदगी

जिंदगी

जिंदगी फूलों की शय्या नहीं है।
संघर्ष का एक मैदान है।

Swami Vivekanand

अनुभव

अनुभव

जीवन का रहस्य भोग में नहीं ,
अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्त ,
करने में है।

Swami Vivekanand

अपनापन

अपनापन

जिसने अपनापन खोया ,
उसने सब कुछ खो दिया।

Swami Vivekanand

चरित्र

चरित्र

चरित्र का निर्माण करना मनुष्य
की पहली आवश्यकता है।

Swami Vivekanand

संस्कार

संस्कार

स्वभाव के अनुसार तरक्की कीजिए,
संस्कार खुद आपके पास आ जाएंगे।

Swami Vivekanand

मनुष्य

मनुष्य

केवल वही मनुष्य सब की,
उपेक्षा उत्तम रूप से करता है ,
जो पूर्णतया निस्वार्थ है ,
जिसे ना धन का लालच ,
ना कीर्ति का और ना ,
अन्य किसी वस्तु का है ।

Swami Vivekanand